कटक, (निप्र) : ओडिशा में विभिन्न श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों की जारी हड़तालों को लेकर उड़ीसा हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा। हड़तालों पर रोक लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को नोटिस जारी करते हुए निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया। ओडिशा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन (ओएएसए) और राज्य अमला संघ को भी याचिका पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
याचिका की जांच करते हुए, हाईकोर्ट ने राज्य भर में प्राथमिक शिक्षकों के चल रहे आंदोलन पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने यह स्पष्ट करने को कहा कि जब 15,000 से 20,000 शिक्षक कथित रूप से अकादमिक कार्य बंद कर चुके हैं, तब नियमित शिक्षण गतिविधियों का संचालन कैसे हो रहा है। बेंच ने आने वाली परीक्षाओं का उल्लेख करते हुए पूछा कि व्यापक शिक्षक विरोध प्रदर्शनों के बीच कक्षाओं में पढ़ाई कैसे जारी है।
याचिकाकर्ता ने पहले की घटनाओं का भी जिक्र किया, जिनमें भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) से जुड़े विवादों के दौरान ओएएस एसोसिएशन के बंद का आह्वान और राज्य अमला संघ द्वारा आयोजित 15 दिन की हड़ताल शामिल हैं। इन उदाहरणों को यह दर्शाने के लिए प्रस्तुत किया गया कि लंबी अवधि की हड़तालों ने सरकारी प्रक्रियाओं को कैसे बाधित किया है। याचिका में पीएमजी, भुवनेश्वर में हाल ही में शिक्षकों के आंदोलन का भी उल्लेख था, जिसका संदर्भ कोर्ट ने वर्तमान हड़ताल स्थिति पर अपनी टिप्पणियों के दौरान दिया। नोटिस जारी करने के बाद, हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को अपने जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले को एक सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।