नई दिल्ली, (एजेंसी) : कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी और महागठबंधन की करारी हार के बाद शनिवार को लंबी मंत्रणा की तथा निर्वाचन आयोग की भूमिका को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि ये चुनाव परिणाम अविश्वसनीय हैं और कुछ सप्ताह में वह सबूत सामने रखेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणाम आने की एक दिन बाद इसको लेकर मंथन किया और इस दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन और पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी मौजूद थे। पार्टी ने बिहार में 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल छह सीटें ही जीत पाई। वर्ष 2010 के बाद बिहार में पार्टी का यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। उसने 2010 में केवल चार सीटें जीती थीं। बैठक के बाद राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से बात नहीं की।
बिहार चुनाव परिणाम और पार्टी के खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि पूरी चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध है और इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही परिणामों का विश्लेषण करेगी और अगले कुछ हफ्तों में ठोस सबूत पेश करेगी। वेणुगोपाल ने कहा, बिहार चुनाव के ये नतीजे हम सभी के लिए अविश्वसनीय हैं। यह सिर्फ कांग्रेस के लिए ही नहीं है। पूरे बिहार के लोग और हमारे गठबंधन सहयोगी भी इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। हमने उन सभी से बात की। वे इस पर विश्वास नहीं कर रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, एक राजनीतिक दल का 90 प्रतिशत से ज्यादा का स्ट्राइक रेट है, जो भारतीय इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। हम गहन विश्लेषण कर रहे हैं। हम पूरे बिहार से आंकड़े एकत्र कर रहे हैं। एक-दो सप्ताह में हम ठोस सबूत पेश करेंगे।
चुनाव को निष्पक्ष नहीं बताने वाली राहुल गांधी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, वेणुगोपाल ने कहा, हम निर्वाचन आयोग (की भूमिका) के बारे में बात करते रहे हैं और हमने हरियाणा चुनाव के दौरान भी इस बारे में बात की थी कि हरियाणा चुनाव में धांधली हुई है। उन्होंने कहा, बिहार चुनाव के बारे में भी, हम ठोस सबूत लेकर आएंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे को चौंकाने वाला करार दिया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सका, जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन इस परिणाम की गहराई से समीक्षा करेंगे।