भुवनेश्वर, (निप्र) : मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को जनता मैदान में ब्रह्माकुमारी संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया और संस्था के 'समृद्ध ओडिशा, स्वर्णिम ओडिशा’ अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया।
जनसमूह को संबोधित करते हुए, माझी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी की 50 वर्षों की यात्रा केवल समय का प्रवाह नहीं, बल्कि मानवता को जागृत करने, आध्यात्मिक उत्थान को बढ़ावा देने और ईश्वरीय सेवा प्रदान करने की यात्रा है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक जीवनशैली सादगी, विनम्रता और मितव्ययिता को प्रोत्साहित करती है, जिससे व्यञ्चित प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर पाता है।
ब्रह्माकुमारी सिस्टर बीके शिवानी की प्रशंसा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने त्याग और सेवा भावना के कारण देश के आध्यात्मिक क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान अर्जित किया है। माझी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी तनाव प्रबंधन और भावनात्मक कल्याण पर ध्यान केंद्रित करके लाखों लोगों को अवसाद, व्यसन और भावनात्मक संकट से उबरने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह संगठन महिला सशञ्चितकरण और सामाजिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में भी योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्तक किया कि स्वर्ण जयंती एक वैश्विक आंदोलन की शुरुआत का प्रतीक होगी, जो माउंट आबू से न्यूयॉर्क और नैरोबी से लंदन तक विश्व शांति का संदेश फैलाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और ब्रह्माकुमारीज के समन्वित प्रयास समाज में सार्थक और सकारात्मक बदलाव लाएंगे। लोक प्रशासन में राज योग और ध्यान की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए, माझी ने कहा कि ये अभ्यास अनुशासन और करुणा का संचार करते हैं-जो सुशासन के लिए आवश्यक गुण हैं।
उन्होंने कहा, जब प्रशासन सहानुभूति के साथ कार्य करता है, तो लोगों में विश्वास विकसित होता है, जिससे समाज का नैतिक ताना-बाना मजबूत होता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य 2036 तक ओडिशा को समृद्ध और विकसित बनाना है। इस कार्यक्रम में उपस्थित विधि, निर्माण और आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज पिछले पांच दशकों से समाज में सुधार और शांति एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं।