भुवनेश्वर, (निप्र) : ओडिशा सरकार ने पीएम आवास योजना तथा अन्य सरकारी आवास योजनाओं के लाभार्थियों को पक्केा घरों के निर्माण के लिए रेत मुफ्त में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस जानकारी का खुलासा रविवार को करते हुए राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार इन योजनाओं के लाभार्थियों के लिए रेत की लागत वहन करेगी ताकि वे आसानी से घरों का निर्माण कर सकें। इस बीच, राज्य सरकार ने रेत की कीमतों को नियंत्रित करने और रेत माफिया की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) भी लागू किया है।
खनन मंत्री विभूति भूषण जेना ने चेतावनी दी कि रेत घाट ठेकेदार सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों पर ही रेत बेचेंगे और अधिक कीमत पर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ओडिशा माइनर मिनरल कंसेशन रूल्स, 2016 में किया गया संशोधन रेत चोरी को रोकने और रेत माफिया पर सख्त कार्रवाई करने का उद्देश्य रखता है। प्रमुख बदलावों में रेत घाटों का पट्टा अब ई-नीलामी के बजाय ई-लॉटरी के माध्यम से देना शामिल है, जो रेत माफियाओं द्वारा रेत भंडारण और अधिक कीमत पर बेचने के आरोपों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस सुधार से पारदर्शिता बढ़ेगी, कीमतों को विनियमित करने और अवैध उत्खनन व भंडारण पर रोक लगाने की उम्मीद है। एमएसपी की शुरुआत का उद्देश्य रेत माफिया द्वारा लंबे समय से किए जा रहे शोषण को समाप्त करना है, जिन पर कीमतें बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में हेरफेर करने के आरोप लगते रहे हैं।
नई व्यवस्था लागू होने से रेत अब समान, सरकार-स्वीकृत दरों पर उपलब्ध होगी, जिससे उपभोञ्चताओं के लिए यह अधिक किफायती साबित होगी। मंत्री ने बताया कि यह निर्णय शुक्रवार की कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें राज्य सरकार ने माइनर मिनरल्स के लिए नीलामी प्रणाली समाप्त करने का भी निर्णय लिया। इसके बजाय अब सभी माइनर मिनरल स्रोतों का आवंटन पारदर्शी ई-लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। अवैध भंडारण पर अपनी कार्रवाई को और मजबूत करते हुए, सरकार रेत के लिए भंडारण लाइसेंस जारी करना भी शुरू करेगी। मंत्री ने बताया कि बिना ऐसे लाइसेंस के किसी व्यञ्चित या संस्था को रेत या अन्य माइनर मिनरल्स का भंडारण करने की अनुमति नहीं होगी, जिसका उद्देश्य उन अवैध स्टॉक्स को बंद करना है जो काले बाजार को बढ़ावा दे रहे थे।