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Thursday, Dec 11, 2025
Published on: Wednesday, August 13, 2025
विशेष

राजधानी की झुग्गी बस्तियां बनीं नशे का अड्डा



भुवनेश्वर, (निप्र) : आबकारी विभाग और पुलिस संयुक्ती रूप से राजधानी में विभिन्न दुकानों पर छापेमारी कर नशीली पदार्थों जब्त कर रहे हैं, वहीं अवैध झुग्गी वस्तियां इन नशीली पदार्थों का गोदाम बन गई हैं। देखा जा रहा है कि नशे के सौदागर इन झुग्गी बस्तियों में किराए पर रहते हैं और वहां नशीले पदार्थ रखकर अपना धंधा चलाते हैं। छापेमारी के दौरान जब्त किए गए नशीले पदार्थों में बड़ी मात्रा में गांजा और गांजा युञ्चत सिगरेट शामिल हैं। युवा इस नशे का आसानी से सेवन करते हैं, इसलिए नशा कारोबारी ने गांजा का धंधा तेज कर दिया है। इस बीच राज्य के विभिन्न जिलों से जहां गांजा की खेती होती है, वहां से गांजा अब राजधानी में आकर झुग्गी बस्तियों में पहुंच रहा है। यहां किराए पर रहने वाले नशे के सौदागर इसे आसानी से शहर के विभिन्न हिस्सों में भेज देते हैं। इसके साथ ही ये झुग्गी बस्ती गांजा सिगरेट बनाने का भी अड्डा बन गई हैं। नशे के सौदागर अब राजधानी के विभिन्न हिस्सों में सरकारी जमीन पर बनी झुग्गियों को निशाना बना रहे हैं। वे यहां इसलिए बस रहे हैं क्योंकि उन्हें जांच का डर नहीं है और शहर के प्रमुख स्थानों पर मामूली शुल्क देकर घर मिल जाते हैं। इन अवैध झुग्गी वस्तियों में पानी और बिजली के कनेक्शन आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन पुलिस यह जांचती नहीं कि लोग कहां से आकर यहां रह रहे हैं। नतीजतन नशे के सौदागर अब शहर की विभिन्न झुग्गी वस्तियों में अपना अड्डा बना रहे हैं। पुलिस जिस तरह से नशा कारोबारियों के घरों को तहस-नहस कर देती थी, उसमें भी पिछले कुछ समय से ढील दी
गई है।
छोटी दुकानों से हो रहा कारोबार
इसके अलावा झुग्गी बस्तियों से सटे शहर के विभिन्न हिस्सों में बनी छोटी-छोटी दुकानें अब नशे के कारोबार का केंद्र बन रही हैं। हालांकि इन दुकानों में कीमती सामान नहीं होता, लेकिन इनमें अक्सर युवा ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। पुलिस इनकी जांच कड़ाई से नहीं करती, इसलिए नशीले पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। अब आबकारी विभाग और कमिश्नरेट पुलिस सक्रिय होकर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर नशीले पदार्थ जब्त कर रही है। लेकिन वे सख्ती से छापेमारी नहीं कर रहे हैं। पूरी राजधानी में छापेमारी के लिए अधिक संक्चया में आबकारी और सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है। इसी तरह नियमित छापेमारी की योजना नहीं बनाई जा रही है, इसलिए यह भी नशे के सौदागरों के लिए काफी सुविधाजनक है। कानून के शिकंजे से बचने के लिए वे अब झुग्गी बस्तियों के अलग-अलग इलाकों में छोटी-छोटी मात्रा में गांजा रखते हैं। पकड़े जाने पर गांजे की मात्रा कम होने के कारण उन्हें आसानी से बच निकलने का रास्ता मिल जाता है। इसलिए राजधानी को नशामुञ्चत बनाने के लिए झुग्गी बस्तियों में ताबड़तोड़ छापेमारी और छोटी-छोटी दुकानों पर नजर रखने और जिन घरों से नशीले पदार्थ बरामद होते हैं, उन्हें पहले की तरह जमीनदोंज करने के साथ मकान मालिकों के खिलाफ सक्चत कार्रवाई की भी मांग उठ रही है।

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