भुवनेश्वर, (निप्र) : महानदी बचाओ आंदोलन की ओर से महानदी जल विवाद को सुलझाने के लिए सर्वदलीय बैठक के बाद एक प्रतिनिधिमंडल 28 अगस्त को छत्तीसगढ़ का दौरा करेगा। यह प्रतिनिधिमंडल 29 अगस्त को छत्तीसगढ़ के मुक्चयमंत्री के साथ बातचीत करेगा। जबकि बीजेडी ने कहा कि महानदी के अधिकार प्राप्त होने तक लड़ाई जारी रहेगी। पार्टी ने बीजेपी सरकार से इसे हल करने का रास्ता खोजने का आह्वान किया है। इस बीच कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर महानदी का मुद्दा नहीं सुलझाया गया तो पूरा ओडिशा आंदोलन से प्रभावित होगा। ओडिशा में बीजेपी सरकार, छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार और केंद्र में भी बीजेपी सरकार है। आठ साल के संघर्ष के बाद अब ओडिशा की जीवन रेखा को न्याय देने का समय आ गया है। महानदी बचाओ आंदोलन द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक के निर्णय के अनुसार 28 अगस्त को छत्तीसगढ़ के विभिन्न सामाजिक संगठन और 29 अगस्त को छत्तीसगढ़ के मुक्चयमंत्री से मुलाकात कर चर्चा करेगी। महानदी बचाओ आंदोलन के बयान के अनुसार केवल दो राज्य सरकार के बीच समाधान होना संभव नहीं है।
महानदी से जुड़े हर साझेदार या हितधारक को भी शामिल किया जाना आवश्यक है। इसके लिए महानदी नदी बचाओ आंदोलन समिति ने मुक्चयमंत्री को एक पत्र लिखा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि सरकार को आम सहमति से इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। महानदी नदी बेसिन 1 लाख 41 हजार वर्ग किलोमीटर है। इसे सुरक्षित रखने के लिए आम सहमति से चर्चा भी होनी चाहिए। ट्रिब्यूनल कोई समाधान नहीं है। यह समझौते से संभव हो सकता है। अगर सरकार और विपक्ष मिलकर काम करे तो इसका समाधान हो सकता है। महानदी नदी बचाओ आंदोलन समिति के संयोजक सुदर्शन दास ने कहा कि सरकार को यह प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। बीजेडी ने बीजेपी सरकार से जल विवाद को सुलझाने का आह्वान किया है। बीजेडी नेता प्रशांत मुदुली ने कहा कि बीजेडी ओडिशा की जीवन रेखा को जीवित रखने के लिए हर स्तर पर लड़ रहा है। जबकि राज्य सरकार महानदी जल विवाद के समझौता समाधान की बात कर रही है, उसे राज्य के लोगों को बताना चाहिए कि वह किस तरह का समझौता कर रही है।