भुवनेश्वर, (निप्र) : भारत के विभिन्न राज्यों के विशिष्ट सूती वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए अवध हथकरघा, हस्तशिल्प व ग्रामद्योग समिति की ओर ये यहां के प्रदर्शनी मैदान में चल रहे कॉटनफैब को लोगों की शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। इस गुणवत्तापूर्ण हस्तशिल्प और हथकरघा वस्त्रों की प्रदर्शनी और बिक्री को लेकर ग्राहक खासे उत्साहित हैं। यह कॉटनफैब 28 सितंबर तक चलेगा। समिति ग्रामीण कारीगरों की पारंपरिक कला को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के मिशन के साथ काम कर रही है।
समिति का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों को बाजार उपलब्ध कराना और उनकी कलाकृतियों और उत्पादों की बिक्री के लिए एक मंच प्रदान करना है। समिति भुवनेश्वर में 14वीं (चौदहवीं बार) प्रदर्शनी और बिक्री का आयोजन कर चुकी है। लोग बड़ी संख्या में इस प्रदर्शनी में आ रहे हैं और देश के ग्रामीण कारीगरों द्वारा निर्मित कलाकृतियों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं। अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाले कारीगरों को प्रदर्शनी में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।
अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित प्रदर्शनियों में मिली भारी प्रतिक्रिया को देखते हुए, समिति ने कारीगरों के लिए मानसून और पूजा उत्सव बाजार के लिए भुवनेश्वर को चुना है। 12 राज्यों के कुल 122 कारीगरों ने यहां अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं, जिनमें लखनवी चिकन वर्क ड्रेस मटेरियल, साड़ी, कुर्ता पायजामा, टॉप, गुजराती एथनिक प्रिंट कुर्तियां, ड्रेस मटेरियल, राजस्थानी ब्लॉक प्रिंटेड, कोटा डोरिया ड्रेस मटेरियल, लेडीज कुर्ता, लहंगा-चोली, मलमल, बंधेज सूट, स्कर्ट-टॉप, सलवार और दुपट्टा, पंजाब फुलकारी ड्रेस मटेरियल, पटियाला, मध्य प्रदेश चंदेरी, माहेश्वरी, बागप्रिंट, बाटिक प्रिंट ड्रेस मटेरियल शामिल हैं।