भुवनेश्वर, (निप्र) : भारत में पशु आहार प्रबंधन की प्रगति विषय पर आधारित 5 दिवसीय प्रशिक्षण और कार्यशाला का सोमवार से भुवनेश्वर के केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान में शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्ïघाटन मत्स्य एवं पशु संसाधन मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने किया। मंत्री ने कहा कि दीर्घकालिक पशुपालन की सफलता के लिए गुणवत्तापूर्ण और जलवायु-अनुकूल पशु आहार का प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि मुक्चयमंत्री कामधेनु योजना के तहत घास की खेती के लिए किसानों को एकड़ पर 35,000 रुपये तक की सहायता दी जा रही है, जिससे लाखों पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। यह कार्यक्रम भारत सरकार के सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन एनिमल हसबेंड्री, बेंगलुरु और वेटरिनरी ऑफिसर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर की साझेदारी में आयोजित किया गया है, जिसमें 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसमें नवीन तकनीक, नवप्रजाति चारा उत्पादन और आपूर्ति प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर मंत्री ने विभागीय पॉडकास्ट और व्हाट्सएप चैनल का भी उद्ïघाटन किया। साथ ही, सीआईडद्ब्रल्यू, वीओटीआई, डीएएच एंड वीएस के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता पत्र भी हस्ताक्षरित हुआ। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी, विशेषज्ञ व गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।