मुंबई, (एजेंसी) : सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार को अपने अनशन के चौथे दिन से पानी पीना बंद करने का संकल्प लेते हुए कहा कि वह मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण देने की अपनी मांग को लेकर गोलियां खाने को भी तैयार हैं। उन्होंने सरकार से उपलब्ध रिकॉर्ड को आधार बनाते हुए आरक्षण के आधार पर एक सरकारी आदेश जारी करने की मांग की है।
महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए कुनबी (एक ओबीसी जाति) का दर्जा देने संबंधी हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए कानूनी राय लेगी। हालांकि, जरांगे इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वह दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान स्थित धरना स्थल से नहीं हटेंगे, चाहे देवेंद्र फडणवीस सरकार प्रदर्शनकारियों पर गोलियां ही क्यों न चला दे। वह ओबीसी श्रेणी में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं। जरांगे ने रविवार को कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह मुंबई नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, सरकार के पास 58 लाख मराठों और कुनबियों का रिकॉर्ड है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने समर्थकों से कहा, मैं पानी पीना बंद कर दूंगा क्योंकि सरकार मांगें नहीं मान रही है। लेकिन जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती, मैं वापस नहीं जाऊंगा। हम ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों को आरक्षण दिलाकर रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। जरांगे ने रविवार रात प्रेस वार्ता में कहा, सरकार को यह कहना चाहिए कि मराठा कुनबियों की एक उपजाति हैं। 58 लाख अभिलेख मिले हैं, जो मराठों को कुनबियों से जोड़ते हैं। जो आरक्षण चाहते हैं, वे इसे ले लेंगे। अगर कोई कानूनी मुद्दा है, तो मराठों को कुनबी के रूप में सामान्यीकृत न करें। उन्होंने दावा किया कि मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण मिलने से कोई नहीं रोक सकता।