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Thursday, Oct 23, 2025
Published on: Thursday, September 11, 2025
राज्य

उर्वरक आपूर्ति की स्थिति की मुख्यमंत्री की समीक्षा, किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करें अधिकारी



भुवनेश्वर, (निप्र) : मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोकसेवा भवन में गुरुवार को राज्य में उर्वरक आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी जिलों में पैक्स और लैंप्स के माध्यम से उर्वरक वितरण कार्य की समुचित निगरानी करें। उन्होंने संभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कहीं भी कालाबाजारी, जमाखोरी या नकली उर्वरक की शिकायत हो तो तत्काल कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि निरीक्षण स्थल पर उर्वरक को जब्त करने के बजाय उसे निकटतम पैक्स या लैंप्स में स्थानांतरित कर किसानों को वितरित किया जाए। बैठक में हुई चर्चा से पता चला कि राज्य में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में आवश्यकतानुसार उर्वरक वितरण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2025 खरीफ सीजन के लिए 30 सितंबर तक कुल 9,55,000 मीट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता थी, जबकि केंद्र सरकार ने इतनी मात्रा में उर्वरक आवंटित कर दिया है। आवश्यकता पडऩे पर और उर्वरक की मांग की जाएगी। अब तक राज्य सरकार के पास उपलब्ध कुल 11,66,733 मीट्रिक टन उर्वरक में से 9,85,967 मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री हो चुकी है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि वे जिले में उर्वरक की स्टॉक स्थिति और आवश्यकता के अनुसार पैक्स और लैंप्स को विभिन्न ग्रेड के उर्वरक उपलब्ध कराएं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने मार्कफेड के अधिकारियों को भी उर्वरक की आपूर्ति में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभाग को जिला और प्रखंड स्तर पर अवैध गतिविधियों की नियमित जांच करने और कालाबाजारी रोकने के लिए प्रवर्तन को कड़ा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हर जिले में फसल विविधीकरण और एकीकृत कृषि प्रणाली को अधिक महत्व देने, तिलहन और दलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसलिए समृद्ध किसान योजना के माध्यम से कृषि गतिविधियों को बढ़ाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करने के बाद किसानों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन क्षेत्रों में किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े राज्य के सभी जिलाधिकारियों से बात की, प्रत्येक जिले में उर्वरक वितरण गतिविधियों की जानकारी ली और किसी भी स्थान पर किसानों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। बैठक में उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, सहकारिता मंत्री प्रदीप बलसामंत, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुञ्चत अनु गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव शाश्वत मिश्र, कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रधान सचिव अरविंद पाढ़ी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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