भुवनेश्वर, (निप्र) : ओडिशा की रस्मिता साहू ने खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025 में महिलाओं की 200 मीटर कैनो एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 23 वर्षीय रस्मिता की वर्षों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्होंने श्रीनगर की प्रतिष्ठित डल झील में केरल और मध्य प्रदेश के एथलीटों से आगे रहते हुए 53.53 सेकंड का समय निकालकर शीर्ष सम्मान हासिल किया। कटक के चौद्वार के एक मछुआरा समुदाय से ताल्लुक रखने वाली रस्मिता सिर्फ नौ साल की थीं, जब 2011 में उनके मछुआरे पिता का एक मोटर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए और उनके पांच सदस्यीय परिवार के पास आजीविका का कोई साधन नहीं रहा। चार साल बाद, 2015 में, उनकी मां के साथ भी ऐसी ही एक सड़क दुर्घटना हुई, लेकिन रस्मिता के पिता के विपरीत, वह अपनी चोटों से लड़ नहीं पाईं और उनका निधन हो गया। इससे रस्मिता टूट गई और परिवार बिखर गया। रस्मिता के साथ महानदी में तैराकी करने वाली एक दोस्त ने जब उन्हें ओडिशा के जगतपुर स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में दाखिला लेने और कैनोइंग, कयाकिंग और नौकायन का प्रशिक्षण लेने का सुझाव दिया, तो उन्हें वजीफा मिलने से उन्होंने जल खेलों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। रस्मिता ने कहा, हमारे पास आर्थिक तंगी थी और हमने यह फैसला लेने से पहले दो बार नहीं सोचा। मैंने कैनोइंग में एक ट्रायल दिया और मेरा चयन हो गया। रस्मिता ने तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उत्तराखंड में आयोजित पिछले राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने कैनोइंग महिला युगल में रजत और कैनोइंग महिला एकल स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले, उन्होंने भोपाल में कैनोइंग एकल महिला स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। अपने संघर्षों को याद करते हुए रस्मिता ने कहा, हम एक झोपड़ी में रहते थे और मेरे पिता मछुआरे के रूप में ज़्यादा नहीं कमा पाते थे, लेकिन वाटर स्पोर्ट्स में मेरे करियर ने इसे बदल दिया। अब हम आराम से रहते हैं, और मैं अपने परिवार के लिए एक घर बना रही हूँ।