भुवनेश्वर, (निप्र) : मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोक सेवा भवन में राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह के दौरान ओडिशा की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और ड्रॉपआउट दरों में कमी लाने के महत्व पर जोर दिया। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, माझी ने एक आदर्श शिक्षक और राजनेता के रूप में पूर्व राष्ट्रपति की भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं-ड्रॉपआउट दरों में कमी लाना और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना। इन समस्याओं के समाधान के लिए, सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना को दसवीं कक्षा तक बढ़ा दिया है, जिससे छात्रों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। माधोसिंह हस्तशिल्प योजना अनुसूचित जाति के बच्चों की भी सहायता कर रही है।
छात्रों में रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की गई है। कुशल ओडिशा कार्यक्रम कहानियों, गीतों और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में भाषा कौशल को बढ़ाता है। इसके अतिरिञ्चत, 'पढि़बा, गढि़बा ओडिशाÓ कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को आकर्षक पठन स्थलों में परिवर्तित करके पठन और बोध कौशल का विकास करना है। प्राथमिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पंचायत में एक आदर्श विद्यालय स्थापित करने हेतु गोदावरीश मिश्र आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना शुरू की गई है। पहले चरण में 5 से 7 करोड़ रुपये की लागत से 835 स्कूल बनाए जाएंगे। सरकार तीन वर्षों में प्राथमिक स्तर पर 45,000 शिक्षकों के पद भरने की भी योजना बना रही है। मुख्यमंत्री माझी ने 2036 तक समृद्ध ओडिशा के लिए अपने दृष्टिकोण को व्यञ्चत किया और वर्तमान छात्रों की प्रतिभा को निखारने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों का मार्गदर्शन करने और उन्हें अच्छे इंसान बनने में मदद करने का आग्रह किया, जिससे राज्य की प्रगति सुनिश्चित हो सके।
:::झारसुगुड़ा को मुख्यमंत्री शिक्षा पुरस्कार में सर्वोच्च सम्मान:::
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री शिक्षा पुरस्कार समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया। इस अवसर पर जिलों, शिक्षकों, अधिकारियों और छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले झारसुगुड़ा जिले को 3 करोड़, जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे खोद्र्धा और जगतसिंहपुर को क्रमश: 2 करोड़ और 1 करोड़ मिले। इसके अलावा, 70 शिक्षकों, तीन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी), तीन जिला शिक्षा अधिकारियों और 10 प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने नीट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो अनुसूचित जनजाति के छात्रों को भी सम्मानित किया।
:: ओडिशा पाठ्ïयचर्या रूपरेखा 2025 शुरू::
इस अवसर पर, माझी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विकसित स्कूली शिक्षा के लिए ओडिशा पाठ्यचर्या रूपरेखा-2025 का शुभारंभ किया, निपुण ओडिशा पहल के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया और बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता को मजबूत करने के उद्देश्य से 'पढि़बा, गढि़बा ओडिशाÓ अभियान की शुरुआत की। विद्यालय एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गंड ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गुरु-शिष्य संबंध की सदियों पुरानी परंपरा को रेखांकित किया और शिक्षकों को छात्रों में अनुशासन, मूल्यों और व्यञ्चितत्व विकास के निर्माता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार एक ऐसी मजबूत शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए काम कर रही है जो जीवन कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और व्यावसायिक शिक्षा को एकीकृत करे और छात्रों को आत्मनिर्भर बनने के लिए सक्षम बनाए।
:: ड्राप आउट कम करने के प्रयास जारी::
स्कूल छोडऩे की दर को कम करने के प्रयास भी चल रहे हैं, जिसमें बाल ट्रैकिंग सर्वेक्षण जैसी पहलों का उपयोग छात्रों को कक्षाओं में वापस लाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग को इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 31,000 करोड़ का रिकॉर्ड बजट आवंटित किया गया है। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा हितधारकों ने भाग लिया। स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग की आयुञ्चत-सह-सचिव शालिनी पंडित ने स्वागत भाषण दिया, जबकि ओएसईपीए परियोजना निदेशक अनन्या दास ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।