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Sunday, Sep 7, 2025
Published on: Wednesday, September 03, 2025
राज्य

भूपिंदर सिंह ने अपनी ही पार्टी पर साधा निशाना



भुवनेश्वर, (निप्र) : बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह द्वारा पार्टी में अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का संकेत देने वाली टिप्पणी के बाद राजनीतिक हलकों में उनके पार्टी छोडऩे की अटकलें तेज हो गई हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान, सिंह ने दावा किया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें अपना समर्थन देने का वादा किया है, चाहे वह किसी भी पार्टी के चुनाव चिह्नï पर चुनाव लड़ें। इस बयान के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वह बीजद से अलग हो सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरे लिए, पार्टी नहीं, बल्कि जनता सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिकता है। भविष्य में मेरे साथ क्या होगा, यह जनता तय करेगी। 

 उन्होंने कहा है कि वे मेरा समर्थन करेंगे, चाहे मैं किसी भी पार्टी के चुनाव चिह्नï का प्रतिनिधित्व करूं। इसी बातचीत में, सिंह ने राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर खुलकर सवाल उठाए और तर्क दिया कि कांग्रेस ओडिशा और देश दोनों में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि बीजद और भाजपा में बहुत कम अंतर है, जिससे मतदाता कांग्रेस को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजद अपनी विपक्षी भूमिका में मुद्दों को मजबूती से उठाने में विफल रही है, और इसी शून्यता का फायदा कांग्रेस उठा रही है। 

सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मंच पर, कांग्रेस का भविष्य का ग्राफ ऊपर उठा है। ओडिशा में, लोग उम्मीद करते हैं कि बीजद केंद्रीय विपक्ष बनेगी। अगर वह इस जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रहती है, तो कांग्रेस इसका फायदा उठाएगी। बिना किसी का नाम लिए, सिंह ने बीजद नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि 2024 के चुनावों के बाद से संसद में पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी बात है जिसे नेतृत्व को गंभीरता से लेना चाहिए। इसे सिर्फ मेरे शब्दों के तौर पर खारिज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि मैं सिर्फ लोगों की चिंताओं को व्यञ्चत कर रहा हूं। उन्होंने चेतावनी दी कि जनभावनाओं की अनदेखी पार्टी के भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है और जोर देकर कहा कि बीजद की राजनीतिक स्थिति बिना किसी देरी के स्पष्ट की जानी चाहिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ओडिशा में राजनीतिक गठजोड़ अस्थिर बना हुआ है। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या सिंह कांग्रेस के करीब जा सकते हैं। हालांकि सिंह ने स्पष्ट रूप से पार्टी छोडऩे की घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके बयानों ने बदलाव की अटकलों को तेज कर दिया है, खासकर तब जब स्थानीय समर्थक कथित तौर पर किसी भी पार्टी चिह्नï की बजाय उनके प्रति वफादारी का वादा कर रहे हैं।

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