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Sunday, Sep 7, 2025
Published on: Saturday, August 30, 2025
राज्य

युवा सशक्तिकरण राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण : बिड़ला



भुवनेश्वर, (निप्र) : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को देश के युवाओं के लिए समान अवसरों का आह्वान किया और राष्ट्रीय विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, जब उन्हें अवसर दिया जाता है।

यहां अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समितियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए, अध्यक्ष ने लोकतांत्रिक संवाद की रक्षा में संसदीय और विधायी समितियों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों, दोनों ने इन समुदायों के कल्याण के लिए धन आवंटित किया है और संसदीय समितियां इन निधियों का उनके इच्छित लाभार्थियों के लिए उचित उपयोग सुनिश्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बिड़ला ने कहा, संसदीय समितियों की भूमिका बढ़ रही है क्योंकि वे दलगत भावना से ऊपर उठती हैं। उन्होंने आगे कहा, हम राज्य विधानसभाओं और संसद में गुणवत्तापूर्ण संवाद और आचरण की कमी को लेकर चिंतित हैं।

उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि राज्य विधानसभाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण की निगरानी के लिए विधायी समितियां बना सकती हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ लक्षित समुदायों तक पहुंचें। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सम्मेिलन को 'संरचनात्मक संघवाद का जीवंत प्रतीकÓ बताया और कहा कि प्रतिभागियों ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह पहली बार था जब दिल्ली के बाहर ऐसा सम्मेलन आयोजित किया गया था।

ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने कहा कि ये समुदाय भारत के सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न अंग हैं और इसकी संस्कृति एवं विरासत के संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी, सरकारों को जवाबदेह बनाने और यह सुनिश्चित करने में संसदीय और राज्य विधान समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है कि लाभ अंतिम व्यञ्चित तक पहुंचें। केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने प्रधानमंत्री जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी पहलों पर प्रकाश डाला, जिनसे उन्होंने कहा कि पांच करोड़ से अधिक आदिवासी नागरिकों को लाभ होगा। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए बेहतर पहुंच सुनिश्चित कर रही है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते और ओडिशा सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।

'संसदीय और विधायी समितियों की भूमिकाÓ पर केंद्रित इस सम्मेलन में संवैधानिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और 2047 तक 'विकसित भारतÓ की दिशा में कार्य करने पर विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन में इन समुदायों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। प्रतिनिधियों ने वर्तमान नीतियों की प्रभावशीलता और समसामयिक मुद्दों के समाधान हेतु नई रणनीतियां विकसित करने की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में बजट आवंटन की जांच और कल्याणकारी योजनाओं के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में संसदीय और विधायी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें और समाज के सबसे कमजोर वर्गों का वास्तविक उत्थान करें।

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